- हर आंगनबाड़ी केंद्र में लगेंगे नल कनेक्शन, मरम्मत को मिलेंगे 25 हजार रुपये
- कुपोषण के खिलाफ जंग में गांव में महिलाओं की समितियां होंगी गठित
Task force formed : कुपोषण के खिलाफ सरकार ने जंग छेड़ दी है। गांव स्तर पर सरकार ने इसको लेकर पोषण अभियान को लेकर मॉनिटरिंग बढ़ा दी है। कुपोषण और एनीमिया को महिलाओं और बच्चों में खत्म करने के मकसद से शुरू किए जा रहे कार्यक्रमों की निगरानी और समन्वय के लिए कमेटी गठित की जाएगी।
इस टास्क का गठन महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में होगा। इस टास्क फोर्स में आयुष, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग के अफसर शामिल होंगे।
ये हर पखवाड़े मलों की समीक्षा के लिए टास्क फोर्स की बैठक की है। हरियाणा के मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने चंडीगढ़ में इस मुद्दे पर की। बैठक में गांव स्तर पर उप समितियां बनाने का निर्णय लिया गया।
अनुराग रस्तोगी ने बताया कि 10 से 15 महिलाओं की प्रत्येक गांव में उप-समितियां गठित की जाएगी। प्रत्येक माह उप-समितियों की बैठक होगी। इतना ही नहीं इनकी योजनाओं की निगरानी भी की जाएगी। ये समितियां आंगनवाड़ी केंद्रों में भोजन की गुणवत्ता का ऑडिट भी करेंगी।
से उपसमितियां आंगनबाड़ी केंद्रों में मौके पर जाकर जांच करेंगी। इतना ही नहीं गांव होने वाले स्वास्थ्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी। इस दिशा में बेहतर काम करने वाली पंचायतों को गांव स्तर पर प्रोत्साहित किया जाएगा।
विभाग के एसीएस सुधीर राजपाल ने बैठक में निर्णय लेते हुए कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को पानी के कनेक्शन देने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा किआंगनबाड़ी केंद्रों के रखरखाव और मरम्मत कार्यों के लिए पंचायतें में सक्रिय भूमिका निभाएं। पंचायत विभाग के अफसरों ने आश्वासन दिया कि प्रति आंगनबाड़ी केंद्र 25 हजार रुपए प्रत्येग गांव स्तर पर आवंटित किए जाएंगे।
प्रदेश में 4 वर्ष तक की आयु वाले को लाभी पहुंचाने वालों के लिए बनाया ट्रैकर एप
पोषण ट्रैकर एप को फेशियल रिकग्निशन सिस्टम संग एकीकृत होगी, इससे दक्षता बढ़ाने के लिए और राशन वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके इसके लिए वास्तविक लाभार्थी को ही लाभ मिले।
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ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली सीएम दूध उपहार योजना के तहत शुरू की गई।र्भवती या स्तनपान कराने वाली माताओं को बच्चों के लिए फोर्टिफाइड दूध की आपूर्ति और मांग पर नजर रखी जाएगी।
खाद्य आपूर्ति विभाग के लिए सरसों के तेल, गेहूं और चावल का फोर्टिफाइड करना जरूरी है। इसके अलावा बाल विकास मंत्रालय को इन सबके लिए एक्शन प्लान प्रस्तुत करना जरूरी हे।
एसीएस सुधीर राजपाल ने कहा कि प्रदेश में कुपोषण से निपटने को किए जा रहे प्रयासों का परिणाम आने लगा है। बनाईजाएंगी पोषण वाटिकाएं आहार विविधता को बेहतर बनाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों, स्कूलों, पंचायती भूमि और सामुदायिक स्थानों पर ‘पोषण वाटिकाएं बनाने की योजना बनाई गई है।
बीज उपलब्ध करवाने के साथ-साथ, बागवानी और आयुष विभाग पौधे व तकनीकी सहायता भी दी जाएगी। बागवानी विभाग की तरफ से सड़क किनारे फलदार पौधे भी लगाए जाएंगे। ।
