- सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी की बात मानी
- 2016 से नौकरी कर रहे कर्मचारियों को तुरंत हटाकर नई भर्ती करने का दिया आदेश
- दिव्यांग कर्मचारियों को मानविय आधार पर सेवा में बने रहने की बात कही
supreme court news : सुप्रीम कोर्ट ने 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में गड़बड़ी ठहराने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। मामला पश्चिम बंगाल का है। यहां सरकार द्वारा संचालित और सहायता प्राप्त स्कूलों में कर्मचारियों और शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी पकड़ी गई थी। शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती विवाद के मामले में शीर्ष कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भर्ती किए गए कर्मचारियों को वेतन और भत्ते लौटाने की जरूरत नहीं है।
supreme court news : पश्चिम बंगाल में भर्ती को लेकर हुए विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया है। सुनावई के दौरान कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल की तरफ से संचालित किए जा रहे और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति में अनियमितता हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि पश्चिम बंगाल के स्कूलों में आगामी तीन महीने में नई भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। जिससे पढाई बाधित न हो। इसके अलावा दिव्यांग उम्मीदवारों को छूट दी गई है। वे मानवीय आधार पर अपनी सेवा ऐसे ही जारी रखेंगे।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि नई चयन प्रक्रिया में साफ छवि के उम्मीदवारों को भी छूट दी जा सकती है। वहीं कलकता हाई कोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई चार अप्रैल को की जाएगी।
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न्यायमूर्ति संजय कुमार और प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने 25,753 नियुक्तियों को रद्द करने से संबंधी कलकत्ता हाई कोर्ट के 22 अप्रैल 2024 के फैसले को जस का तस बरकरार रखा है।
25 हजार शिक्षकों की नियुक्ति 2016 में की गई थी
बंगाल एसएससी द्वारा की गई 25 हजार शिक्षकों की नियुक्तियों को करने के पैनल को रद्द करने का फैसला वीरवार को बरकरार रखा गया। सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल चयन आयोग (SSC) की तरफ से की गई भर्ती को अमान्य घोषित किया है।
साथ ही कोर्ट ने यह भी टिप्पणी करते हुए बंगाल हाई कोर्ट के इस निष्कर्ष को मंजूरी दी है कि चयन प्रक्रिया में की गई धोखाधड़ी को सुधारा नहीं जा सकता। इस भर्ती को रद करके दोबारा भर्ती प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए। यह तीन माह के अंदर शुरू हो जानी चाहिए।
बीजेपी ने ममता बनर्जी सरकार को बताया जिम्मेदार
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पश्चिम बंगाल के बीजेपी अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इस मामले में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 2016 से काम कर रहे 25,753 शिक्षक और अन्य कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे।
ममता बनर्जी सरकार इसकी जिम्मेदार है। यदि धांधली नहीं हुई होती तो आज यह नौबत नहीं आती। बनर्जी सरकार ने युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ किेया है। ऐसे में उन्हें सत्ता में रहने का कोई हक नहीं है।
