New collector rate : हरियाणा में किसी भी तरह की प्रापर्टी की पुराने रेट पर ही रजिस्ट्री होगी। फिलहाल सीएम ने प्रापर्टी के रेट संशोधन को स्थगित कर दिया है। सीएम नायब सैनी ने इसको लेकर राजस्व विभाग को आदेश दे दिए है। इस फैसले के बाद पुराने रेटों पर ही प्रापर्टी की रजिस्ट्री होगी।
टोटल हरियाणा न्यूज : हरियाणा में अब प्रापर्टी के दान नहीं बढ़ेंगे। इसका कारण है 2025-26 में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कलेक्टर दरों में बढ़ोतरी करने से इनकार कर दिया है। फिलहाल पहले के रेट पर ही रजिस्ट्री होगी। कलेक्टर रेट बढ़ने से प्रापर्टी के दाम में भी उछाल आता है। प्रदेश सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है।
सरकार के इस फैसले घर बनाने की तैयारी कर रहे लोगों को राहत मिली है। कोई भी व्यक्ति जो घर बनाने का इच्छुक है वो पुराने रेट पर ही प्रापर्टी खरीद सकता है। अब हरियाणा में प्रापर्टी के लेन-देन और स्टांप शुल्क कलेक्शन को प्रभावित करने वाले रेट अगले आदेशों तक जाारी रहेंगे। यानी यह कह सकते हैं कलेक्टर रेट नहीं बढ़ने से प्रापर्टी महंगी नहीं होगी।
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वित्त आयुक्त और अतरिक्ति मुख्य सचिव FCR सुमिता मिश्रा ने इस बात को लेकर पुष्टि की है। सुमिता मिश्रा ने बताया कि हरियाणा में कलेक्टर रेट दिसंबर 2024 में ही संशोधित किए गए थे। ऐसे में मात्र तीन महीने बाद ही कलेक्टर रेट बढ़ाना सही नहीं है। सरकार की तरफ से आदेश जारी किया गया है कि पुरानी दरें ही अगले आदेश तक जारी रहेंगी। अभी तक संशोधन पर हमने कोई रिपोर्ट भी जिलों से नहीं मांगी गई है।
3 माह बाद ही रेट अपडेट करना सही नहीं
हरियाणा सरकार की तरफ से सभी जिलों के उपायुक्तों को ऑर्डर भेजे गए हैं। वर्ष 2025-26 के लिए अचल संपत्ति के ट्रांसफर का रजिस्ट्रेशन पब्लिक इंट्रेस्ट में जारी किया गया है। जिसके तहत अगले आदेशों तक पुराने कलेक्टर रेट पर ही सभी जिलों में रजिस्ट्रियां की जाएगी।
बता दें कि आमतौर पर अप्रैल में कलेक्टर रेट लागू होते हैं। इसे नए वित वर्ष की शुरूआत में बजट सत्र के बाद संशोधित करके लागू किया जाता है। लेकिन पिछली बार हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2024 में ही कलेक्टर रेट संशोधित करने के बाद लागू किए थे। ऐसे में तीन माह बाद ही क्लेकटर रेट बढ़ाना उचित नहीं है।
कलेक्टर रेट को लेकर कुछ जिलों में अधिकारियों ने अपने स्तर पर ही 10 से 25 प्रतिशत की वृद्धि की शिफारिश करके प्रस्ताव तैयार कर लिए थे। अधिकारियों की तरफ से इन दरों को लागू करने के लिए पोर्टल पर अपलोड करके आपत्तियां मांगने की भी तैयारी चल रही थी।
वहीं सरकार की तरफ से ऐसी कोई भी रिपोर्ट मांगने की बात सामने नहीं आई है। सरकार की मानें तो कलेक्टर रेट में संशोधन नहीं करने का निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि तीन माह पहले ही रेट बढ़ाए गए थे।
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लोकसभा और विधानसभा चुनाव के कारण लटका था संशोधन
राजस्व विभाग के अनुसार वर्ष 2024 में पहले लोकसभा और उसके बाद विधानसभा चुनाव के चलते कलेक्टर रेट अप्रैल माह में नहीं बढ़ाए जा सके थे। चुनाव समाप्त होने के बाद भी दरों में संशोधन नहीं किया गया था। विधानसभा चुनाव के बाद नई सरकार ने अक्टूबर माह में कार्यभार संभाला था। इसके बाद क्लेक्टर रेटों में संशोधन दिसंबर माह में किया गया।
