Healthy Food : न्यूयॉर्क की जिमनास्ट केटी गर्भवती हुई तो इसी दौरान सोशल मीडिया पर उन्हें खाने की शुद्धता कंटेंट दिखने लगा। इसमें बताया गया कि बेबी फॉर्मूला में अत्यधिक फ्रक्टोज वाला कॉर्न सिरप होता है।
सीरियल्स में खतरनाक पेस्टिसाइड मिलते हैं। मेडिकल सिस्टम को भी कुछ पोस्ट्स में गलत बताया जा चुका है। इससे केटी खाने पीने की चीजों को लेकर बहुत डर गई। इसके बाद वह इतना मानसिक दबाव मान गई कि वह खाने पीने की कई पौष्टिक चीजों से दूर हो गई। उन्हें यह सोच एक नई खाने पीने की डिसआर्डर की ओर ले गई।
केटी (25) अकेली नहीं हैं, दुनियाभर में लोग बिना विशेषज्ञों की परिवार-दोस्तों से जुड़े रहें ताकि भावनात्मक सहयोग मिल सके।
यह भी पढ़ें : हाई कोर्ट पहुंचा पानी विवाद, बीबीएमबी के पंजाब को डैम से पुलिस हटाने के आदेश
टुलसा यूनिवर्सिटी में न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉ. एमिली कॉन्टोइस कहती हैं कि डर फैलाने की बजाय सही जानकारी देना जरूरी है। इसके अलावा खाने को लेकर लचीले नियम और व्यवहारिक दृष्टिकोण अपनाएं।
उन्होंने बताया कि भूख के संकेतों को समझें व बिना अपराधबोध के खाने का आनंद लें तो पूरा फायदा मिलेगा। परफेक्ट आहार की बजाय संपूर्ण सेहत को महत्व दें। विविधता वाली डाइट पोषण को संतुलित रखेगी। सामाजिक गतिविधियों में शामिल रहें।
अपने परिवार और दोस्तों के साथ एन्जवाए करें। इससे हर इंसान को भावनात्मक सहयोग मिलता है। साथ ही वैज्ञानिक सोच भी बदल जाएगी। इसके अलावा इंटरनेट मीडिया पर फैल रही गलत और भ्रामक जानकारी आज अधिकतर लोगों के लिए चुनौती बन गई है।
यह भी पढ़ें : आंतों का बैक्टीरिया कैंसर के रूप में मौत दे रहा, गांव के लोग ज्यादा प्रभावित
सलाह लिए सोशल मीडिया पर दिखाई जा रही इन पोस्ट का अनुसरण करने लगते हैं। इसके चलते खाने की हर चीज पर शक करने लगते हैं। विज्ञान की भाषा में इसे ऑर्थोरेक्सिया कहते हैं। इसमें व्यक्ति खाने की शुद्धता और सुरक्षा को लेकर जुनूनी हो जाता है।
डाइटिशियन क्रिस्टी हैरिसन बताती हैं कि यह सामान्य सेहतमंद खानपान से अलग है। इसमें व्यक्ति खाने की हर चीज से डरने लगता है। यह सोच सेहत के साथ सामाजिक जीवन, रिश्तों व कामकाज को प्रभावित करने लगती है।
कनाडा की एलिसन ह्यूम ने भी सोशल मीडिया से प्रभावित होकर अपने और परिवार के खाने में कई चीजें बंद कर दीं। एलिसन बताती हैं, मैं छोटी-छोटी बातों पर चिड़ने लगी थी। परिवार पर नियंत्रण रखने लगी थी। ऑर्थोरेक्सिया व्यक्ति को सामाजिक रूप से अलग- थलग कर देता है।
