Breaking News : हरियाणा-पंजाब पानी का विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों राज्यों में पानी को लेकर माहौल गर्म है। ऐसे में परेशानी हरियाणा की जनता को झेलनी पड़ रही है। नहरों में पानी नहीं होने के कारण हाहाकार मचा है।
टोटल हरियाणा न्यूज : भाखड़ा डैम के पानी को लेकर पंजाब और हरियाणा के बीच चल रहा विवाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच गया है। भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की याचिका पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। बोर्ड ने कोर्ट को बताया कि पंजाब पुलिस ने डैम पर कब्जा कर लिया है।
सभी कंट्रोल यूनिट अपने हाथों में ले ली हैं। यहां से पंजाब पुलिस को हटाने के निर्देश दिए जाएं। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस सुमित गोयल की खंडपीठ ने पंजाब सरकार को अपना पक्ष रखने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई मंगलवार के लिए तय की है। हरियाणा कैबिनेट की बैठक में पंजाब के फैसले की निंदा की गई है।
वहीं, पंजाब सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र में 6 प्रस्ताव पास किए। इनमें कहा है कि हरियाणा को पंजाब के हिस्से से एक बूंद भी पानी नहीं देंगे। जल बंटवारे के बारे में बीबीएमबी के किसी फैसले को पंजाब नहीं मानेगा। नई जल संधि बनाई जाए।
प्रस्ताव पेश करते हुए जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि केंद्र व हरियाणा की भाजपा सरकार बीबीएमबी के जरिए पंजाब के जल अधिकारों को कमजोर कर रही हैं। अपने हिस्से का 103% पानी हरियाणा ने 31 मार्च तक ले लिया है। अब हम मानवता के आधार पर पानी दे रहे।
भगवंत मान ने कहा पंजाब अपने हिस्से से एक बूंद भी पानी नहीं देगा। मानवता के आधार पर हम 4 हजार क्यूसेक पानी देना जारी रखा जाएगा।
बीबीएमबी केंद्र सरकार की कठपुतली बनकर रह गया है। बोर्ड का पुनर्गठन किया जाए।
सतलुज, ब्यास और रावी नदियां पंजाब से बहती हैं। 1981 में जल समझौते के समय जितना पानी नदियों में था, अब उतना नहीं है। नदियों से पानी के बंटवारे के लिए नई संधि बनाई जाए।
बीबीएमबी के बैठक बुलाने के नियम तय किए गए हैं। बोर्ड ही बैठक को लेकर कानून का पालन नहीं कर रहा। रात के समय में बैठक बुलाई जा रही है। पहले तो बोर्ड को ही नियमों का पालन करना चाहिए।
किस राज्य को कितना पानी देना है भाखड़ा डैम से, यह 1981 में हुई जल संधि में लिखा गया है।इस समझौते को बदलने का अधिकार बीबीएमबी को नहीं है। वह कोई फैसला यदि लेता भी है तो असंवैधानिक है। ऐसे फैसले लेने से खुद को रोकना होगा। डैम सेफ्टी एक्ट 2021 प्रस्ताव को केंद्रसरकार को वापस लेना चाहिए। पंजाब सरकार ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह एक्ट उन्हें स्वीकार नहीं है।
बीबीएमबी ने कोर्ट में कहा
संवैधानिक बॉडी में दखल से अराजकता बढ़ेगी बीबीएमबी ने कोर्ट में कहा कि नंगल डैम और लोहांद कंट्रोल रूम वाटर रेगुलेशन ऑफिस में पुलिस फोर्स जबरन घुस आई और हरियाणा को पानी देने से रोक दिया गया। पंजाब सरकार गैर कानूनी और असंवैधानिक तरीके से कामकाज में दखल दे रही है। बीबीएमबी एक संवैधानिक बॉडी है। इसमें इस तरह से दखल देने से अराजकता बढ़ेगी।
हरियाणा सरकार ने यह दिया तर्क
पानी रोकने से 200 से ज्यादा जलघर सूख चुके हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि पंजाब सरकार ने हरियाणा का पानी रोक दिया है। इससे प्रदेश के 200 से ज्यादा जल घर सूख चुके हैं। इस पर पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया कि हरियाणा को उसके हिस्से का पानी दे दिया गया है। अब अतिरिक्त पानी नहीं दिया जा सकता।
फतेहाबाद की पंचायत ने जनहित याचिका दायर की फतेहाबाद के मताना की पंचायत ने हरियाणा का पानी छोड़े जाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट के वकील आरएस ढुल ने डैम से पंजाब पुलिस को हटाने की मांग को लेकर याचिका लगाई है । अब तीनों याचिकाओं पर मंगलवार को एकसाथ सुनवाई होगी।
6 जिलों में इनेलो का प्रदर्शन

इनेलो ने सोमवार को 6 जिलों में पंजाब सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर पीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। पार्टी प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा ने कहा कि मंगलवार को 7 और बुधवार को 8 जिलों में प्रदर्शन होगा। पंजाब संघीय ढांचे को चुनौती दे रहा है। भाजपा, कांग्रेस व आप हरियाणा में कुछ कह रही हैं और पंजाब में कुछ कहती हैं।
ओछी राजनीति कर रहे पंजाब के सीएम : नायब
हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि पंजाब सरकार पानी के बटवारे को लेकर ओछी राजनीति पर उतर गई है। एसवाईएल मुद्दे पर पहले ही सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवेहलना की जा चुकी है।
इसको लेकर पहले पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास किया गया। अब भाखड़ा बांध से जल बटवारे को लेकर बेतुकी बाते कर रहे हैं। अब पंजाब विधानसभा में हरियाणा को पूरा पानी नहीं देने का प्रस्ताव पास किया, यह ओछी राजनीति है। साथ ही यह भारतीय संघीय ढांचे के खिलाफ अनैतिक कार्य है।
अभी पानी दे भी रहे, आगे ये भी नहीं मिलेगा : मान
पंजाब विधानसभा में सीएम भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा को 4 हजार क्यूसेक पानी अभी हम मानवता के आधार पर दे रहे हैं। यदि ऐसे ही चलता रहा तो आगे यह पानी भी नहीं दिया जाएगा।
जब पंजाब की सरकार बनी थी तो उस समय 22 प्रतिशत क्षेत्र में हम पानी का प्रयोग कर रहे थे। अब यह क्षेत्र बढ़कर 60 प्रतिशत हो गया है। हमने किसी का भी हक नहीं मारा है। हम तो पुरानी सरकारों के द्वारा की गई गलतियों का खामियाजा भुगत रहे हैं।
