adulterated milk identify : दिखने में दूध का रंग जितना ज्यादा सफेद होता है इसका कारोबार भी उतना ही काला है। लोग दूध को अमृत तुल्य मानकर पीते हैं लेकिन उन्हें यह नहीं पता होता कि वे मीठा जहर पी रहे हैं। जो धीरे-धीरे इंसान को मौत के करीब ले जाता है। प्रस्तुत है इस पर एक रिपोर्ट
चंडीगढ़ : गर्मियों का सीजन आ रहा है। ऐसे में मिलावटी दूध (adulterated milk) का का काला कारोबार इस सीजन में खूब फलता फुलता है। मार्केट में दूध (Merket Milk) और इसके बने उत्पाद की भरमार है। लोग आंख मूंदकर भरोसा कर लेते हैं और दूध खरीदते हैं। यदि आप भी ऐसा कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। क्योंकि मिलावटी दूध आपके और आपके बच्चों की सेहत को बिगाड़ रहा है।
भारत जहां दुनियां में सबसे ज्यादा दूध उत्पान करने वाला देश है, वहीं देश में मिलावटी दूध का काला कारोबार (pure milk and adulterated milk ) भी तेजी से फल-फुल रहा है। एक अनुमान के मुताबिक देश में 15 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, लेकिन खपत 500 ग्राम प्रति व्यक्ति है। इस हिसाब से 80 करोड़ लीटर से भी ज्यादा दूध की खपत देश में हो रही है। इस लिहाज से आठ गुणा ज्यादा दूध की खपत हो रही है। क्या आपने कभी सोचा है इतना दूध आता कहां से है।
उत्पादन और खपत के इस गैप को भरने के लिए जमकर मिलावट की जा रही है। ऐसे में मिलावटखोरों की तो चांदी कट रही है लेकिन क्या आपने सोचा है आपकी सेहत पर इसका क्या असर पड़ रहा है।
देश में पहले दूध में पानी की मिलावट की जाती थी। पानी वाला दूध तो फिर भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता। अब दूध से बढ़ती कमाई का लालच मुनाफाखोंरों को रास आ रहा है। इसलिए ये लोग नकली दूध मार्केट में उतार रहे हैं।
इस तरह बनाया जाता है नकली दूध
इस दूध को बनाने के लिए साबून, डिडर्जन पाउडर, शम्पू और खतरनाक केमिकल के इस्तेमाल से नकली दूध बनाते हैं। ये दूध इतना गाढ़ा और सफेद होता है कि असली दूध और मिलावटी दूध में फर्क समझ पाना बेहद मुश्किल है।
कुछ लोग दूध में सिंथेटिक्स कैमिकल मिला देते हैं। इससे दूध की मात्रा तो बढ़ जाती है लेकिन क्वालिटी जीरो हो जाती है। कुछ लोग दूध में नमक और सर्फ का इस्तेमाल करते हैं।
इस कारोबारी नकली दूध बनाने के लिए शंपू, रिफाइड, ग्लूकोज, यूरिया, साबून, स्टार्च और फैबरिक कलर के मिकचर आदि का इस्तेमाल करके नकली दूध बनाते हैं।
नकली दूध बनाने के लिए सबसे पहले थोड़े से दूध में वाशिंग पाउडर डाला जाता है। इससे झाग उत्पन होते हैं। इसके बाद इसमें नकली रिफाइंड आयल मिलाया जाता है। जो इसे चिकनाई देता है।
इसके बाद दूध को आधे घंटे तक अच्छे से घोंटा जाता है। ताकि रिफाइंड और वाशिंग पाउडर आसानी से इसमें मिल जाता है। इसके बाद पानी लेकर इस दूध में मिला दिया जाता है। इस तरह से यह दूध पूरी तरह से तैयार हो जाता है।
इस दूध को पीने के लिए आसपास के शहरों में बेचा जाता है। इसी दूध से मिठाई और खोया बनाकर बेचा जाता है। इसके अलावा कई अन्य तरीकों से भी नकली दूध बनाया जाता है।
नकली दूध से ये बीमारियां होने का खतरा (Danger of getting these diseases from fake milk)
जाहिर है यह दूध शरीर में बीमारियों का घर बनाता है। महज 50 रुपये खर्च करके कुछ कारोबारी दूध को इस तरह बनाते हैं कि लैक्टोमीटर भी इसे सही बताता है। इस तरह के दूध का इस्तेमाल करने से गुर्दे के रोग, कैंसर, चर्म रोग, ह्रदय रोग, हड्डियों के कमजोर होने की भी समस्या देखने को मिल सकती है। (Kidney disease, cancer, skin disease, heart disease, weakening of bones.)
हरियाणा में भी फैल रहा नकली दूध बनाने का कारोबार (fake milk manufacturing business)
एक कहावत है जित दूध दही का खाना यो म्हारा हरियाणा जो अब पुरानी हो गई। मिलावट खोर हरियाणा की इस छवी को बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। आए दिन नकली दूध बनाने की फैक्ट्री पकड़ी जाती है। तीज-त्योहारों पर मार्केट में नकली दूध के उत्पादों से बनीं मिठाईयां धड़ल्ले से बिकती हैं।
विधानसभा में रामकुमार गौतम ने उठाया Fake milk and fake ghee का मुद्दा
इस बार हरियाणा विधानसभा सत्र में नकली दूध और इससे बनने वाले उत्पाद जैसे घी, पनीर, मावा, मिठाइयां और अन्य डेयरी उत्पादों का मुद्दा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान खूब उछला। सफीदो के भाजपा विधायक रामकुमार गौतम ने मिलावट खोरों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार सख्त कानून बनाने की मांग की।
विधायक रामकुमार गौतम (MLA Ramkumar Gautam) कहा कि इन मिलावटखोंरो पर सख्त कार्रवाई की जाए। क्योंकि इससे हमारे देश की नस्ल कमजोर होती है। आप दूध किसी भी रेट पर खरीद लो फिर भी मिलावटखोरों का लालच आपको नकली दूध ही पिलाता है।
विधायक रामकुमार गौतम ने कहा कि इसके अलावा मार्केट में दवाइयां भी नकली है। इन मिलवाट खोरों के लिए सख्त से सख्त सजा का कानून बनना चाहिए। सजा मौत भी इसके लिए कम है। क्योंकि ये लोगों को दूध नहीं जहर पिलाकर हत्या कर रहे हैं।
मिलावटी दूध की पहचान कैसे करें (adulterated milk identify)

नकली दूध की पहचान आप घर पर भी कर सकते हैं। यह दूध रिफाइंड आयल से बनाया जा रहा है। आप अपने हाथ पर दो बूंद दूध की लेकर रब करें। यदि यह आपके हाथ में आब्जार्ब नहीं होता है तो चिकना चिकना फील होता है तो समझ जाओ की दूध नकली है।
इसके अलावा यदि आप चेक करना चाहते हैं कि दूध में पानी की मिलावट है या नहीं तो इसके लिए एक प्लेट पर दूध की दो बूंदे डाले और उसे टेढ़ा कर दे। दूध प्लेट के नीचले हिस्से पर आ जाएगा। अब उपर से नीचे तक दूध की लाइन दिखे तो दूध असली होगा। यदि यह लाइन टूटी हुई दिखाई दे तो दूध नकली।
- दूध को सुंधने से सर्फ या शंपू की गंध आ रही है तो दूध नकली है।
- नकली दूध स्टोर करने पर पीला पड़ जाता है।
- एक चीकनी लकड़ी या चीकने पत्थर पर दूध की कुछ बूंदें डाले। यदि यह बहते हुए सफेद धार बनाए तो दूध असली और इसका रंग बदले तो नकल होगा।
