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blood donation camp :12 साल में खड़ी कर दी 10 हजार रक्‍तदाताओं की फौज, खुद 80 और पत्‍नी 42 बार कर चुकी रक्‍तदान

blood donation camp

blood donation camp : जीवन बचाने की अनौखी पहल कपील ईंसा ने की है। उन्‍होंने 12 साल में 10 हजार रक्‍तदाताओं को अपने साथ जोड़कर बड़ी फौज खड़ी कर दी। हर महीने करनाल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में ब्‍लड डोनेशन कैंप लगाकर रक्‍तदाताओं को जोड़ा।

करनाल के कपिल ईसा के साथ आज 10 हजार रक्‍तदाताओं की फौज है। ये 18 साल से लगातार रक्‍तदान कर रहे हैं। इनसे प्रेरणा लेकर इनकी पत्‍नी भी 42 बार रक्‍तदान कर चुकी है। करनाल जिले में प्रत्येक तीन माह बाद रक्तदान शिविर आयोजित करते हैं और उसमें स्वयं भी रक्तदान करते हैं।

कुरुक्षेत्र कपिल ईसा और यमुनानगर में साल में एक-एक बार शिविर लगाते हैं। कपिल 80 बार और इनकी पत्नी रूबी अग्रवाल 42 बार रक्तदान कर चुकी है। अब बेटे सिद्धार्थ को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया, जो चार बार रक्तदान कर चुका है।

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कपिल इंसा का कहना है कि दूसरों को प्रेरित करने से पहले अपने घर के सदस्यों को रक्तदान करने के लिए लेकर आए। इससे दूसरों को प्रेरित करने में अपने घर का उदाहरण देते रहे। इसके सकारात्मक परिणाम आए कि उसके पास 10 हजार लोग जुड़ चुके हैं, जो समय-समय पर रक्तदान करने में आगे रहते हैं। पिछले 12 साल से अब तक वह 270 कैंप आयोजित कर चुके हैं।

और इनमें 27 हजार 600 यूनिट रक्त एकत्रित कर चुके हैं। उन्होंने नागरिक अस्पताल और कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक में रक्त जमा करवाया है। निःशुल्क सेवा कर रहे हैं और किसी भी अनजान व्यक्ति को रक्त की जरूरत पड़ने पर वह निःशुल्क तौर पर रक्तदान करते हैं। उन्हें दो बार हरियाणा के राज्यपाल सम्मानित कर चुके हैं।

समाजसेवी कपिल इंसा बताते हैं कि उसके पास एरिया वाइज रक्‍तदाताओं के ग्रुप उसके पास जिस भी ग्रुप के रक्त की जरूरत की सूचना आती है, वह ग्रुपों में डाल देते हैं।

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थैलेसीमिया से पीड़ित 125 बच्चों के लिए हर महीने रक्त देते हैं। करनाल जिले में थैलेसीमिया से पीड़ित 125 बच्चे हैं। जिनको हर महीने रक्त की जरूरत पड़ती है। कपिल ईसा बताते हैं कि सामाजिक संस्थाओं के सहयोग में भी वह थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के लिए स्पेशल शिविर लगवाते हैं। कपिल बताते हैं कि एक्सीडेंट में लोगों का खून काफी बह जाता है।

इस स्थिति में अस्पताल से भी हमें खून देने की सूचना मिलती रहती है। जिसके लिए रक्तदान कराते है। 18 से 65 साल तक की उम्र के लोग रक्तदान कर सकते हैं: डॉ. संजय वर्मा जिला नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक के इंचार्ज डॉ. संजय वर्मा बताते हैं कि रक्तदान के लिए शरीर में 125 प्रतिशत होमोग्लोबिन होना चाहिए।

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18 साल से 65 साल उम्र के लोग रक्तदान कर सकते हैं। रक्तदान के लिए व्यक्ति का वजन 45 किलोग्राम कम से कम होना चाहिए। व्यक्ति मानसिक और शारीरिक स्वस्थ होना चाहिए। 90 दिन बाद दोबारा से रक्तदान कर सकते हैं। करनाल जिला नागरिक अस्पताल के ब्लड बैंक की क्षमता 750 यूनिट की है। फिलहाल उनके पास 400 यूनिट रक्त स्टोरेज में है।

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