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ED action on Sahara Group : सहारा ग्रुप की 1,460 करोड़ कीमत की 707 एकड़ जमीन जब्त

ED action on Sahara Group

ED action on Sahara Group :  महाराष्ट्र के लोनावाला की एंबी वैली सिटी में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सहारा ग्रुप के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। यहां सहारा ग्रुप की 707 एकड़ जमीन जब्त की है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) 2002 के तहत बड़े पैमाने पर 1,460 करोड़ रुपये की की संपत्ति फाइनेंशियल इरेगुलेरिटीज की जांच में जब्त की गई है।

टोटल हर‍ियाणा न्‍यूज : मंगलवार को ED के बड़े अधिकारी ने इस मामले की पुष्टि की है। सहारा ग्रुप की हाई रेट वाली यह जमीन कई कंपनियों से लिए गए रुपयों से खरीदी गई थी। रियल ओनरशिप को छिपाने के लिए इस जमीन को फर्जी नामों से रजिस्टरी कराई गई। इस बारे में ईडी के अधिकारी ने कहा क‍ि इस जमीन को बेनामी नामों से खरीदा गया था। सहारा ग्रुप की संस्थाओं से लिए गए धन के उपयोग से इसे लिया गया है।

2.98 करोड़ की नकदी भी जब्‍त की गई

PMLA की धारा 17 के तहत ED के अफसरों ने तलाशी के दौरान 2.98 करोड़ रुपये नगद बरादम किए। यह मामला बिहार, ओडिशा और राजस्थान में हुमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड (HICCSL) के खिलाफ दर्ज एफआईआर में सामने आया है। इसमें साजिश के तहत कई अन्य के खिलाफ भी धोखाधड़ी के लिए तीन FIR दर्ज की गई है।

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तब से देश भर में 500 से ज्यादा FIR सहारा से जुड़ी कंपनियों और लोगों के खिलाफ दर्ज की गई हैं। इनमें 300 से ज्यादा एफआइआर PMLA में लिस्टेड गंभीर अपराध के तहत आती है।

हजारों लोगों को दिया गया धोखा

देशभर में हजारों लोगों को हाई रिर्टन का झांसा देखकर धोखा दिया गया। लोगों ने मामले में ED से शिकायत की है कि उन्‍होनें अपनी सेविंग डिपॉजिट करने के लिए दिन रात मेहनत की थी। अंत में सहारा ने उन्‍हें धोखा देकर उम्र भर की जमा पूंजी हड़प ली। कई लोगों ने आरोप लगाया कि बिना सहमति के फिर से अपने पैसे को निवेश करने को मजबूर किया गया। मैच्योरिटी पेमेंट भी बार-बार फॉलोअप के बावजूद नहीं दी गई।

सहारा कई सहकारी समितियों और रियल एस्टेट फर्मों के जरिए ED की जांच में पता चला कि स्‍कीम चला रहा था। सहारा ने स्‍कीम के जरिए लोगों को झांसे में लेकर आगे की कार्रवाई की है।

फाइनेंशियल रिकॉर्ड में हेराफेरी की

ED अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि सहारा ग्रुप ने जमाकर्ताओं और एजेंटों को हाई रिटर्न और कमीशन का वादा करके धोखा दिया है। अनरेगुलेटेड और नॉन ट्रांसपेरेंट तरीके से फंड का भी दुरुपयोग किया गया है।

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इस मामले में ED के जांचकर्ता अधिकारियों ने राजफाश किया कि ग्रुप ने फाइनेंशियल रिकॉर्ड्स में हेराफेरी भी की गई है। साथ ही इस तरह से हेराफेरी को अंजाम दिया गया कि किसी को भी ऐसा लगे कि फंड वापस दे दिया गया है। इससे लोगों में यह भ्रम पैदा हो गया कि न‍िवेशकों को पैसे वापस कर रहे हैं। हकीकत में देनदारी लगातार बढ़ रही है और उनका पैसा भी फंसा पड़ा है।

ED ने लोगों के बयान दर्ज किए

ग्रुप ने साइकल को जारी रखने के लिए मौजूदा बकाया चुकाने में विफल रहने के बावजूद नए डिपॉजिट कलेक्ट करना बंद नहीं किया। ED ने जांच के दौरान पाया कि फंड का बड़ा हिस्सा पर्सनल लग्जरी को पूरा करने और बेनामी संपत्तियां खरीदने व बेहतर लाइफस्टाइल बनाए रखने को इस्‍तेमाल किया गया।

ED ने PMLA की धारा 50 के तहत मामले से जुड़े हुए लोगों के बयान दर्ज किए। जिनमें जमाकर्ता, सहारा कर्मचारी, एजेंट और अन्य शामिल हैं।

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